डायबेटिक नेफ्रोपथी
Who की माहिती के अनुसार 2025 में भारत मे डायबिटिक के मरीज की संख्या सबसे ज्यादा होगी
डायबिटिक से हमारे शरीरमे काफी रोग उत्पन होते है उसमें से कॉमन ओर भयानक असर किडनी पर होती है ।
2) एक्यूट रीनल फेलियर ( टेम्पररी किडनी बिगड़ना )
3) यूरिनमा इन्फेक्शन होना
4) किडनी की ब्लड वेसेल्समें कोलेस्ट्रॉल जमना
2) बड़ी उम्र में होता है
डायबिटिक को मेडिसिन या इन्सुलिन से कंट्रोल किया जाता है ।
1) पैरों ओर मुंह पे सूजन
2) भूख कम लगना
3) बार बार शुगर कम होना
4) उल्टियां या Nausea होना
5) जल्दी थक जाना
6) चलते या नींद के समय स्वास चढ़ना
7) यूरिन कम आना
1) यूरिन माइक्रो एल्ब्यूमिन
2) यूरिन फ़ॉर प्रोटीन
3) eyes टेस्ट
4) ब्लड यूरिया , क्रिएटिनिन , Hb , HBA1C की टेस्ट किडनी पे डायबिटिक की असर जानने के लिए की जाती है ।
ख्याल रखने वाली बात
डायबिटिक को कंट्रोल में रखे
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखे
बिन जरूरी दवाइया न खाए
विटामिन डी का उपयोग किडनी के नुकसान को रोक सकता है
नोट :- डॉक्टर की सलाह के बाद ही निदान ओर इलाज करवाये
Who की माहिती के अनुसार 2025 में भारत मे डायबिटिक के मरीज की संख्या सबसे ज्यादा होगी
डायबिटिक से हमारे शरीरमे काफी रोग उत्पन होते है उसमें से कॉमन ओर भयानक असर किडनी पर होती है ।
किडन पर कोनसी असर होती है
1) डायबिटिक नेफ्रोपेथी ( कायमी किडनी बिगड़ना)2) एक्यूट रीनल फेलियर ( टेम्पररी किडनी बिगड़ना )
3) यूरिनमा इन्फेक्शन होना
4) किडनी की ब्लड वेसेल्समें कोलेस्ट्रॉल जमना
डायबिटिक नेफ्रोपेथी क्या है ?
काफी समय से डायबेटिक का कंट्रोल में नही रहना जिसकी वजह से किडनी पर कायमी असर होती है , यह एक प्रकार का क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) है ।किडनी डायबिटिक की वजह से क्यो खराब होती है ?
- लंबे समय से उनकंट्रोल्ड डायबिटिक की वजह से ब्लड में शुगर की मात्रा ज्यादा रहती है ।
- शुगर एक एक्टिव पदार्थ होने के कारण ब्लूड में ऑक्सीजन के साथ रिएक्शन करके एडवांस ग्लाईकेशन एंड प्रोडक्ट (AGP)
- एक टाइप्स का वेस्ट पदार्थ बनाता है , जो कि शरीर के अंगों पर असर करता है ।
- AGP किडनी के फ़िल्टर पर जम ने कारण फ़िल्टर को निम्न कर देता है जिसके कारण एल्ब्यूमिन जैसे लीक होता है
डायबिटिक दो टाइप्स के होते है
1) छोटी उम्र में होता है2) बड़ी उम्र में होता है
डायबिटिक को मेडिसिन या इन्सुलिन से कंट्रोल किया जाता है ।
चिन्ह
उनकंट्रोल्ड डायबिटिक के कारण किसीको होने वाली किडनी पे असर हो सकती है1) पैरों ओर मुंह पे सूजन
2) भूख कम लगना
3) बार बार शुगर कम होना
4) उल्टियां या Nausea होना
5) जल्दी थक जाना
6) चलते या नींद के समय स्वास चढ़ना
7) यूरिन कम आना
निदान
डॉक्टर के द्वारा यह टेस्ट करवाया जाता है1) यूरिन माइक्रो एल्ब्यूमिन
2) यूरिन फ़ॉर प्रोटीन
3) eyes टेस्ट
4) ब्लड यूरिया , क्रिएटिनिन , Hb , HBA1C की टेस्ट किडनी पे डायबिटिक की असर जानने के लिए की जाती है ।
इलाज
ACE इंहिबिटर ओर ARB नाम की दवाइयां देते हैख्याल रखने वाली बात
डायबिटिक को कंट्रोल में रखे
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखे
बिन जरूरी दवाइया न खाए
विटामिन डी का उपयोग किडनी के नुकसान को रोक सकता है
नोट :- डॉक्टर की सलाह के बाद ही निदान ओर इलाज करवाये
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