बवासीर-मस्से 

बवासीर के प्रकार 
1) बाहरी मस्से 
2) अंदर के मस्से 
3) अंदर ओर बाहर के मस्से 

ग्रेड 
A) मस्से मलाशय के बाहर न निकलना।
B) मलाशय के दौरान मस्से का बाहर आना फिर वापस जाना।
C) मलाशय के दौरान मस्से का बाहर आना फिर उसे अंदर रखना पड़ता है ।
D) मस्से का मलद्वार के बाहर ही रहना ।


बवासीर-मस्से किन कारणों से होते है ?
१) मलाशय की रक्तवाहिनी में वंशानुगत नबलाई।
२) कब्ज 
३) बहुत दस्त 
४) फाईबर वाला खाना न खाना
५) पानी कम पीना 
६) मलाशय के दौरान जोर करना 
७) फ़ास्ट फ़ूड खाना
८) लंबे समय तक खड़ा ये बैठना पड़े
९) पेनिक डिसऑर्डर 
१०) शराब पीना 
११) अराजक जीवनशैली 
१२) पेशाब करने मे तकलीफ 

बवासीर के लक्षण 
१) दर्द होना 
२) ब्लीडिंग 
४) मस्से बाहर निकलना 
५) मलाशय से चिकना स्त्राव या खुजली या गांठ महसूस करना 


बवासीर-मस्से का निदान 
१) गुदा में पीड़ा के साथ खून निकलना बवासीर की शक्यता होती है ।
२) बिना पीड़ा के खून गिरना मस्से या केन्सर हो सकता है ।
३) टिप टिप खून गिरे तो बवासीर हो सकता है ।
४) ज्यादा मात्रा में खून गिरे तो मस्से हो सकते है 
५) डॉक्टर के पास प्रोक्टस्कोपी से निच्छित निदान करते है ।


इलाज 
१) बवासीर शरुआती हो ओर मस्से पहले या दूसरे ग्रेड के हो तो खाने पीने ख्याल से ओर दवाई से ठीक हो सकता है ।
२) बवासीर ओर मस्से तीसरे या चौथे ग्रेड के हो तो संपूर्ण राहत 

मस्से के इलाज के तरीके 
१) फ्लेरोजेन्ट प्रवाही इंजेक्शन मस्से में दिया जाता है इस प्रवाही से मस्से                 फाइब्रोसिस हो जाता है और खून बंध हो जाता है ।
२) रब्बर बैंड पद्धति 
    रब्बर बैंड से मस्से के मुख को बंदकर दिया जाता है जिसमे मस्से को खून            मिलना बंद हो जाता है ओर वह गिर पड़ता है 
३) ऑपरेशन के भी प्रकार है और उससे भी इलाज किया जाता है ।